भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहाँ संभोग को ध्यान और अध्यात्म से जोड़ा गया है | इसे साधना के रूप में भी देखा गया है| अगर अपनी पुरानी संस्कृति की बात की जाये तो कामसूत्र को ग्रन्थ के रूप में माना जाता है और शिव और पार्वती के लिंग की पूजा जगह-जगह होती है जिसे शिवलिंग के नाम से जाना जाता है| ऐसे ही बहुत सारे उदाहरण आपको पूर्व से पश्छिम और उत्तर से दखिन में देखने को मिलेंगे|
खजुराहो- एक ऐसी जगह जहाँ प्रेम के अथाह सागर बहते हैं| प्रेम मंदिरों की एक बड़ी सी श्रृखला पूर्व से पश्छिम तक बिखरी हुई है| मंदिरों का शहर खजुराहो पुरे विश्व में मुड़े हुए पत्थरों से निर्मित मंदिरो के लिए प्रसिद्ध है |
खजुराहो को इसके अलंकृत मंदिरों की वजह से जाना जाता है जो देश के सर्वोत्कृष्ठ मध्यकालीन स्मारक हैं| भारत के अलावा दुनियाभर के आगंतुक और पर्यटक प्रेम की अप्रतिम सौंदर्य के प्रतिक को देखने के लिए निरंतर आते हैं|
खजुराहो को इसके अलंकृत मंदिरों की वजह से जाना जाता है जो देश के सर्वोत्कृष्ठ मध्यकालीन स्मारक हैं| भारत के अलावा दुनियाभर के आगंतुक और पर्यटक प्रेम की अप्रतिम सौंदर्य के प्रतिक को देखने के लिए निरंतर आते हैं|
ये मंदिर अपनी सुन्दर कलाकृतियों और कटे हुए पत्थरों से बने होने के कारण प्रसिद्ध है| बेहद ही खुबसूरत ये मंदिरों को वैज्ञानिक तरीके से बनाया गया है| जिसमें उर्जा का प्रभाव से लेकर सकारात्मक उर्जा और सूर्य प्रकाश को दिशा दी गयी है| हर मंदिर के बीच में गर्व गृह है जहाँ उर्जा का सबसे ज्यादा प्रभाव रहता है|
इसलिए उन्होंने लोगों को गृहस्त जीवन की ओर आकर्षित करने के लिए खजुराहों के जगलों में इन मंदिरों का निर्माण करवाया जिसमें संभोग को जीवन के आनंद के रूप में दिखाया और संभोग की विभिन्न स्थितियों को दिखाया| जिसमे एक से अधिक लोगों के साथ संभोग को ज्यादा महत्वता डी गयी| जिससे उन जंगलों में भटकते हुए लोग इन मंदिरों पर बनी कलाकृतियों को देखें और उन से प्रभावित होकर गृहस्त जीवन की ओर वापस चलें आयें|
कहा जाता है इन मंदिरों को के बनने के बाद काफी संख्या में लोग अपने घरेलु जीवन में वापस आये| इन मंदिरों को कामसूत्र के मंदिर भी कहा जाता है| इसमें संभोग की सभी अवस्थाओं को बखूवी दर्शाया गया है|
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