सुना है इस कला के पुजारी ने ६२ दिन इंतज़ार किया और अपने १६ कैमरों को लगा कर इस खुबसूरत तस्वीर को उतारा| चाँद और सूरज एक साथ वो भी दो खुबसूरत पेड़ों के बीच| ऐसा लग रहा है मनो दो शरीर और आत्माओं का मिलन हो रहा है और उनको उर्जा देने चाँद- सूरज आये हैं|
चित्र अपने आप में बोलते है और कभी कभी तो शब्दों कम पड़ते हैं परन्तु चित्र उन्हें अच्छे से समझाने में खरे उतर जाते हैं| कहावते गलत नहीं होती उनके पीछे यक़ीनन अनुभवों के सहारे होते हैं जैसे किसी ने कहा है- A picture is worth a thousand words.
परन्तु अभी तक मैंने इस कलाकार का नाम कही नहीं देखा- अगर पता चले तो ज़रूर बताये|
No comments:
Post a Comment