Sunday, 23 July 2017

प्यार v/s प्यार


एक बार चाय पीते वक़्त चाय के ठेले पर लोगों से जान- पहचान सी हो गयी, ठेला बोलो या चाय की दुकनिया, वो नार्थ कैम्पस वालों के लिए वार्तालाप का अड्डा थी|  शहर था दिल्ली, तो लोगों का थोडा एडवांस होना स्वाभाविक था| उस अड्डे पर बड़े-बड़े विद्वान आकर छोटे से छोटे और बड़े से बड़े मुद्दों पर विचार विमर्श करते और चाय की चुक्सकियों के साथ हर मुद्दे को घोल कर पी जाते| कुछ लोग हाथ फैला फैला कर बाते बनाते और सभी को यकीं दिलाने की उम्मीद से हर तरफ अपना सिर हिलाकर सहमती जताने के लिए उकसाते| परन्तु उनमें से कुछ महानुभाव ऐसे भी थे जो सारे वृतांत को सुनते और अंत में अपना निर्णय सुना कर चलते बनते| अगर गिनती की जाये उनमे सिर हिलाने वालों की तादात ज्यादा थी|

एक दोपहर चाय पीने की लालसा लिए हम भी उस दुकनिया पर पहुचे, वो विद्वान, जिनकी चर्चा हमने पहले की थी, उनका ज्यादातर समय चाय की दुकान पर वार्तालाप में ही निकलता| उस वक़्त भी एक बड़ी तादात में लोग वहीँ थे| हमने अपनी बत्तीसी दिखा कर सबका अभिवादन स्वीकार किया और आँखों में सम्मान भाव लिए उन्हें भी स्वीकारने को कहा| और एक कोने में पड़ी टूटी बेंच पर जा बैठे| अभी चाय  का आर्डर किया ही था कि अचानक पीछे से एक भनभनाती आवाज आई “सेक्स इज द पार्ट ऑफ़ लव” और फिर क्या था देखते ही देखते माहौल गरमा गया, लोग अपने अपने विचार रखने लगे| वाद- विवाद प्रतियोगिता शुरू हो गयी, कुछ पक्ष में तो कुछ विपक्ष में| बड़ी- बड़ी बाते हुई, कुछ ने अपना खुद का अनुभव सामने रखा तो कुछ सिर्फ किताबी ज्ञान के आधार पर अपने निर्णय सुनाने लगे, कई तो खुद को सही सिद्ध करने के लिए उत्तेजित हो गए, परन्तु उनकी उत्तेजना को दबा दिया गया|  कुछ लोग विपक्ष से पक्ष में आ गए और कुछ कूद कर पक्ष से विपक्ष में चले गए और सिर हिलाने वालों ने अपना सिर रफ़्तार से हिलाना शुरू कर दिया, कभी एक बार इधर हिला कर अपनी सहमती जताते तो दूसरी बार उस तरफ सिर हिलाते| अंततः निर्णय आया कि हाँ- प्यार यौन संबंधो का हिस्सा नहीं बल्कि यौन सम्बन्ध प्यार का हिस्सा हैं”|

मैं आपको बता दूँ कि कुछ समय पहले मैं एक ऐसे गाँव में थी| जहाँ फ़ोन का नेटवर्क भी पहाड़ों पर चढने के बाद मिलता, दूर दूर तक सिर्फ औरतें और पशु ही नजर आते, औरतें सुबह से शाम तक काम में व्यस्त और पशु घास चरने में| नहीं! मैं ऐसा कदापि नहीं कह रही हूँ जैसा आप सोच रहे हैं, वहां पुरुष जाति भी थी परन्तु उनको सिर्फ शाम ७ बजे से सुबह ७ बजे तक ही देखा जा सकता था| कुछ घरों में पुरुषों के काम की अगर में बात करूँ तो देसी दारू के नशे में औरतों पर आर्डर झाड़ना और उनकी पूर्ति होना यही उनकी मनसा रहती थी। आदेश पूर्ति न होने पर हिंसा का सहारा लेकर घर के माहौल को बिगड़ना उनका दूसरा काम था|

घर की छोटी बहू उर्फ़ मेरी मुहबोली भाभी जो की छोटी सी उम्र में ही एक बच्चे की माँ बन चुकी थी ,से मैंने पूछा कि भाभी प्यार क्या होता है? उन्होंने तपाक से उत्तर दिया दीदी जो टीवी में होता है, हीरो और हेरोइनी जो करते हैं| जवाब बिलकुल सही था, क्योंकि हमारे यहाँ वही तो प्यार होता है| दूसरा सवाल था कि क्या आपने कभी प्यार किया है ? उन्होंने जवाब थोडा मुह बनाकर दिया, दीदी हम इन बातों से बहुत दूर रहे हैं, हमने कभी किसी से प्यार नहीं किया| ये भी सही बात है, यही तो सिखाता है हमारा समाज| किताबों और फिल्मों के हिस्से में आ चुका है प्यार| तीसरे सवाल का जवाब सुन कर मुझे दुःख हुआ, सवाल था कि तो भाभी जी ये जो आपका बेटा है वो किसका फ़ल है? थोडा शर्म से लाल होती हुई उसने मुझे देखा, कुछ देर चुप रहने के बाद बोली, दीदी आप भी अजीब से सवाल पूछ रही हो इसमें प्यार वाली कौन सी बात है शादी के बाद तो ये सब होता ही है, अगर नहीं होगा तो किस औरत को सम्मान मिलेगा| हालाँकि जो सवाल मैंने पूछा था उससे जवाब थोडा सा अलग था, परन्तु उन्होंने जो जवाब दिया वो मेरे लिए खुद एक सवाल बन कर खड़ा हो गया और उसके बाद मैंने उनसे कुछ भी नहीं पूछा|

वो अपने काम में लग गयी| मैं उन्हें बहुत देर तक देखती रही और सिर्फ यही बात मेरे मन में चल रही थी कि गमछे की सच्चाई उन विद्वानों के अल्फाजों से कितनी अलग है ना जहाँ प्यार शब्द सुन कर ही लोगों में सिहरन हो उठती है वहीँ ये शब्द इनके लिए कोई धब्बा है|

Saturday, 22 July 2017

जाको राखे साईंयां मार सके न कोई|



जाको राखे साईंयां मार सके न कोई! यह कहावत सिर्फ कहने के लिए ही नहीं बनायीं| यक़ीनन लोगों के अनुभव और चमत्कारिक घटनायों ने इसे अंजाम दिया होगा तब ही लोग एक विश्वास पर पहुच पाते हैं| ऐसी ही एक कहानी आज आपको बताने जा रहे हैं वह एक १७ साल की बच्ची की है जो एक हवाई जहाज के क्रैश होने के बाद बड़े ही आश्चर्यजनक ढंग से बच गयी|

BBC के अनुसार, जर्मन-पेरुवियन जुलिआन कोएप्क सन १९७१ में अपनी माँ के साथ हवाई जहाज में यात्रा कर रही थी| जहाज अपनी गति से अमेज़न के ऊपर से निकल रहा था, तभी कुछ ऐसा हुआ की सभी बैठे यात्रियों के होश उड़ गए क्योकि जहाज को किसी चीज़ ने जबरदस्त हिट किया, वह और कुछ नहीं बल्कि आकाशीय बिजली जहाज पर आ कर गिरी थी, जिस वजह से जहाज में खराबी आ गयी और सभी यात्रियों के साथ जहाज ज़मीन पर आ गिरा|

यह हादसा जुलिआन के हाई स्कूल के एक रात बाद का है जब उनकी माँ उन्हें ले कर वापस क्रिसमस मनाने के लिए जर्मनी आ रही थी|  जुलिआन की हाई स्कूल की पढाई  ख़तम होने के बाद एक फंक्शन में शामिल होने मारिया उनकी माँ गयी थी और उसके बाद उन दोनों को जर्मनी आना था जहाँ उनके पिता रहते थे|

जुलिआन २ मील की दूरी से पृथ्वी पर आ गिरी| चमत्कारिक ढंग से, वह इस कहानी को बताने वही एक उस पूरे जहाज में थी जो बच गयी, परन्तु दुर्भाग्यवश उनकी माँ और सभी यात्री इस हादसे से नहीं बाच पाए|

आश्चर्य करने वाली बात यह थी कि जहाँ उनका जहाज क्रैश हुआ था वह स्थान अत्यंत भयावक और असम्भव परिवेश वाला था, जहाँ बिना किसी हथियार या सुविधा के १० दिन तक जीवित रहना महज़ एक सपना था क्योंकि वह जगह एक भयानक जंगल, जहरीले पेड़-पौधे. भूखे जंगली जानवर से भरा हुआ था||

कोई भी साधारण व्यक्ति का ऐसे परिवेश में जिंदा रहना संभव ही नहीं था, परन्तु जुलिआन कोई आम किशोरी नहीं थी| उसने घायल होने के बावज़ूद १० दिन तक ना ही सिर्फ जिंदा रही बल्कि उस जंगल को पार करके वह लोगों तक पहुची और मौत को मात दे दी|


जुलिआन का जन्म पेरू में हुआ था| उसके जर्मन पिता जीव विज्ञानी थे और पेरुवियन माँ पक्षी विज्ञानी थी| इसी वजह से उसने अपनी बहुत सारा वक़्त उनके अपने माँ-बाप के साथ अमेज़न के जंगलों में गुजरा था जहाँ वह अपने शोध को अंजाम देते थे|

अनजाने में ही सही परन्तु उसने अपने माँ-बाप के साथ इस गुजारे वक़्त में बहुत कुछ सीख लिया जो उसे इस जहाज क्रैश के समय काम आया| उसके सीखा कि कैसे विपरीत परिस्थियों से कैसे लड़ा जाये और उसमे खुद को जीवित रखा जा सकता है| उसको कभी नहीं पता था कि अनजाने में सीखे हुए ये कौशल उसे ऐसे काम आयेंगे जिससे वो खुद को बचा पायेगी|
जूलियन की माँ और पिता

जुलिआन ने BBC को बताया, जहाज बादलों के ऊपर से गुजर रहा था, जहाँ भयानक तूफान के साथ-साथ आकाशीय बिजली भी थी| इस घटना की गंभीरता का पता तब चला जब आकाशीय बिजली जहाज से आ टकराई| उसके बताया कि १० मिनट बाद बायें तरफ के इंजन से आग निकलने लगी| तब मेरी माँ ने बहुत ही शांत शब्दों में बोला- 'यही अंत है, सब ख़तम हो गया'| यही उनके अंतिम शब्द थे|

अगले ही पल उसने देख जहाज नीचे की तरफ जा रहा था वह अपनी माँ से अलग हो गयी, हर तरफ चिल्लाहटें थी| थोड़ी देर बाद आवाजें शांत हो गयी, उसने देखा वह जहाज से बाहर थी, और नीचे की तरफ रफ़्तार से गिरती जा रही थी| मैं सीट के साथ पेटी से बंधी हुई थी| उस वक़्त मैं सिर्फ हवा की फुसफुसाहट सुनाई दे रही थी|

ज़मीन पर आते ही उसने अपने होश खो दिए और अगले दिन तक वह बेहोश पड़ी रही| जब उसे होश आया तो उसकी गले की हड्डी टूटी हुई थी, कुछ गहरी चोटें उसके शरीर पर थी, परन्तु उसको सब याद था कि कल पिछले दिन क्या हुआ था|

उसने उस भयावक जंगले में १० दिन गुजारे| उसने अपने एक जूते (जो उस जहाज क्रैश में बच गया था) की सहायता सेमैदान का परिक्षण करते हुए जंगले को पार किया| वह जानती थी कि वह एक असत्कारशील परिवेश में है| जहाँ वो चरों तरफ बहयांक जानवरों और जहरीले पेड़-पौधों से घिरी हुई है|

उसे एक टाफियों से भरा बैग मिला जो उस प्लेन क्रैश में किसी का रहा होगा| उसने उन टाफियों की सहायता से उसने थोड़े पोषक तत्वों को बचा कर रखा| खुख लगने पर उन्हें खाया क्योकि वह जंगल से कुछ नहीं खा सकती थी|

चोथे दिन उसने जानलेवा अनुभव किया , जब उसने अपने चरों तरफ सिर्फ लाशें ही लाशें देखी यह लाशें उन्ही लोगों की थी जो इस  जहाज क्रैश में मरे थे| उसने बताया की इतनी साडी लाशों को देख कर वह पेनिक हो गयी क्योकि उसने अपने जीवन में पहले बार मरे हुए इंसान को देखा वो भी एक साथ इतने सारे|

उसके अगले कुछ दिन भी यूँ ही भयावक अनुभव से भरे हुए थे| एक तो अकेले भयानक जंगले में, शरीर पर छोटे और खाने के लिए भी कुछ खास नहीं और सबसे खतरनाक दिशाहीन रास्ते|

आखिरकार दसवे दिन वह कुछ लोगों की आवाज़ सुनकर जागी, जो कि लड़की काटने वाले लोग थे| जब उन लोगों ने उसे पहली नजर देखा तो सब के सब डर गए क्योंकि उनको लगा वह कोई भूत है| परन्तु भाग्यवश जुलिआन को स्पेनिश बोलना आता था तो उसने सारी स्थिति उन लोगो को समझा दी और उन लोगों ने उसे खाने को दिया और उसके घावों पर मरहम पट्टी भी की|

अगले दिन वह उसे उसके गन्तव तक ले गए जहा उसके पिता को उसको सोंप दिया गया, जिससे वह उसकी देखरेख कर सकें| जुलिआन की सहायता से उसकी माँ मारिया की लाश को भी खोज लिया गया परन्तु दुर्भाग्यवश उसकी माँ को ज्यादा गहरी चोटें रही होंगी इसलिए वह बच न सकीं|

जुलिआन ने अपनी माँ की विरासत को संभाल कर रखा और आज वह जीव विज्ञानी हैं|  पढाई पूरी करने के बाद वह अपने देश जर्मनी वापस आ गयी| इस दुर्घटना के अनुभव को वो कभी नहीं भूल सकती| उनका बचना उनके लिए ही नहीं पूरे विश्व के लिए चमत्कार था|

तब ही तो किसी ने ठीक ही कहा है- जाको राखे साईंयां मार सके न कोई|



Monday, 26 June 2017

बस अब यही रह गया था- धिन्चक पूजा


धिन्चक पूजा का नाम किसने नहीं सुना होगा- उसने अपने बेसुरी आवाज़ से सुरों के ताल हिला दिए हैं| सारी म्यूजिक इंडस्ट्री उसे ऐसा करने के लिए कोस रही है| लोगों से पूजा, ओह!! माफ़ कीजिएगा, धिन्चक पूजा को रोस्ट करने का एक मौका नहीं छोड़ा| या कहों उसने छोड़ने नहीं दिया| एक से एक बेसुरे गाने के साथ पूजा इन्टरनेट पर छाई रही|

आपको जान कर दिमाग में हार्ट अटैक आ जायेगा की धिन्चक मैडम अपने नए गाने के साथ आई है नाम है- दिलों  का शूटर है मेरा स्कूटर ,ओर न जाने क्या बोल रही है**टर| मैडम का नया गाना सुने बिना तो आपको भी खाना नहीं पचेगा तो यहाँ आप देखें धिन्चक पूजा का नया छूटर वाला गाना|

कुछ भी कहो मैडम के कॉन्फिडेंस की तो दाद देनी पड़ेगी| यूट्यूब पर सारे कमेंट्स को छुपा कर धिन्चक पूजा किसी को भी भाव  नहीं देना चाहती|

अब नयी खबर यह है की जयपुर वालों से गरमी सही नहीं जा रही इसलिए उन्होंने ये कारनामा कर दिखाया| जी हाँ धिन्चक पूजा अपना लाइव कॉन्सर्ट करने के लिए जयपुर आ रही है वो भी ओन डिमांड| बेडा गर्क हो रे..जयपुर वालो... कमाल खां को बुला लेते कॉमेडी करने के लिए- इसे काहे बुलाये|
म्यूजिक इंडस्ट्री में लोगों को पता चलेगा तो जयपुर बॉयकट हो जाएगा

यकीं नहीं हो रहा ना....ये रहा सबूत साहेब .. हो गया यकीं ..?? अगर अब भी नहीं हुआ तो टिकट्स अवेलेबल हैं खरीदों और जाके थोड़े अंडे मार के आओ|
चेतावनी- डॉक्टर का नंबर और दवाइयां साथ रखें, प्रशासन वाले ध्यान रखें कि एम्बुलेंस भी आस पास ही रहे| कितनों के कान से खून निकलेगा ये तो मेदाम के गानों के बाद ही पता चलेगा |
पर जो भी हो मैडम धिन्चक पूजा आपको लाख-लाख बधाइयाँ कि लोग अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने को तैयार हैं तो जाके  पत्ता साफ़ कर दो- आल दा बेस्ट तो बनता है जयपुर वालों के लिए| स्टे सेफ... रहे तो फिर मिलेंगे|

Wednesday, 14 June 2017

Khajuraho- Land of kamasutra Temple

भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहाँ संभोग को ध्यान और अध्यात्म से जोड़ा गया है | इसे साधना के रूप में भी देखा गया है| अगर अपनी पुरानी संस्कृति की बात की जाये तो कामसूत्र को ग्रन्थ के रूप में माना जाता है और शिव और पार्वती के लिंग की पूजा जगह-जगह होती है जिसे शिवलिंग के नाम से जाना जाता है| ऐसे ही बहुत सारे उदाहरण आपको पूर्व से पश्छिम और उत्तर से दखिन में देखने को मिलेंगे|



खजुराहो- एक ऐसी जगह जहाँ प्रेम के अथाह सागर बहते हैं| प्रेम मंदिरों की एक बड़ी सी श्रृखला पूर्व से पश्छिम तक बिखरी हुई है| मंदिरों का शहर खजुराहो पुरे विश्व में मुड़े हुए पत्थरों से निर्मित मंदिरो  के लिए प्रसिद्ध है |
खजुराहो को इसके अलंकृत मंदिरों की वजह से जाना जाता है  जो देश के सर्वोत्कृष्ठ मध्यकालीन स्मारक हैं| भारत के अलावा दुनियाभर के आगंतुक और पर्यटक प्रेम की अप्रतिम सौंदर्य के प्रतिक को देखने के लिए निरंतर आते हैं| 

ये मंदिर अपनी सुन्दर कलाकृतियों और कटे हुए पत्थरों से बने होने के कारण प्रसिद्ध है| बेहद ही खुबसूरत ये मंदिरों को वैज्ञानिक तरीके से बनाया गया है| जिसमें उर्जा का प्रभाव से लेकर सकारात्मक उर्जा और सूर्य प्रकाश को दिशा दी गयी है|  हर मंदिर के बीच में गर्व गृह है जहाँ उर्जा का सबसे ज्यादा प्रभाव रहता है|


कहा जाता है इन मंदिरों को बनवाने के पीछे एक कारण ये था कि उस वक़्त बड़ी संख्या में लोग अपना गृहस्त जीवन छोड़ कर साधू जीवन अपना रहे थे| इस हिसाब से चन्द्र वंश के राजा ने देख कि उनके राज्य की जनसंख्या में भरी गिरावट आ रही थी और घरों में सिर्फ औरतें ही रह गयी|



इसलिए उन्होंने लोगों को गृहस्त जीवन की ओर आकर्षित करने के लिए खजुराहों के जगलों में इन मंदिरों  का निर्माण करवाया जिसमें संभोग को जीवन के आनंद के रूप में दिखाया और संभोग की विभिन्न स्थितियों को दिखाया| जिसमे एक से अधिक लोगों के साथ संभोग को ज्यादा महत्वता डी गयी| जिससे उन जंगलों में भटकते हुए लोग इन मंदिरों पर बनी कलाकृतियों को देखें और उन से प्रभावित होकर गृहस्त जीवन की ओर वापस चलें आयें|


कहा जाता है इन मंदिरों को के बनने के बाद काफी संख्या में लोग अपने घरेलु जीवन में वापस आये| इन मंदिरों को कामसूत्र के मंदिर भी कहा जाता है| इसमें संभोग की सभी  अवस्थाओं को बखूवी दर्शाया गया है|




कलाकार ने जीते जागते इंसान को बनाया कार्टून

रोबर्ट देजेसुस एक कार्टूनिस्ट हैं| आप इन तस्वीरों को  देख कर चकित हो जायेंगे की कैसे इस कलाकार ने जीते जागते इंसानों को कार्टूनों मैं तब्दील कर दिया| 


जिस अदा के साथ ये मैडम बैठी है उससे भी ज्यादा मनोहर तरीके से बैठाया है इन भाईसाहब ने इन्हें इनके चित्र में| 

इस चित्र को देख कर तो लग रहा है मानो चित्र असली है और अलसी चित्र नकली है| 



अंग्रेजी मैं बोलते हैं ना- क्यूटनेस ओवर लोडेड- इसे देखकर मुह से यही निकल रहा है बस|

मैंने तो पिक्चर लेने की बात कही थी आपने तो मुझे कार्टून बना दिया, पर कुछ भी कहो ये एक पिक्चर से भी ज्यादा खुबसूरत है| 



रोबर्ट अपनी कला में बारीकियों से काम करते हैं| अब आप यहाँ देखेंगे की उनके चेहरे पर पड़ी परछाई को भी उन्होंने नहीं छोड़ा है|



ये हैं हैरी पोर्टर की बचपन की फोटो| जिसे हैरी खुद देख कर हैंरान है|

'स्माइल इस थे बेस्ट गिफ्ट एवर' . दोनों ही चित्रों में स्माइल को खूब सहेज कर रख है मदम ने और रोबर्ट ने|




उफ़!! तेरी अदा आई लाइक  द वे यु मूव|
जोनी जोनी, जोनी का दिल तुमने आया.... इन्हें देखकर यही याद आ रहा है| और कहो तो मेरा जूता है जापानी ये पतलून हिन्दुस्तानी|




सर थोडा गुस्से में हैं| आपके गुस्से को ही सही पर कार्टून में भी आप वैसे ही दिखेंगे|

रोबर्ट को इस काम के लिए सराहना मिलना तो बनता है| कैसे उन्होंने हर बारीकी को ध्यान में रखकर अपनी कला का प्रदर्शन किया है|



बोथ आर  लूकिंग क्यूट.... ऐसा लग रहा है मानो भालू को भी पोसे देना आता है और वह हँसा ही इसलिए है|

एंग्री कैट विथ कूल ढूढ...


आज रोबेर्ट और जनाब साथ बैठ कर फिश करी खायेंगे|



एलेगेंट लुक|
ऐसा लग रहा है मनो अपनी तस्वीर देख कर बिल्ली को रोबर्ट पर गुस्सा आ गया हो| कि मैं इससे ज्यादा खुबसूरत दिखती हूँ असल जिंदगी में|



रोबर्ट का काम यक़ीनन जान भरने वाला है|

एक पाइनएप्पल उठाने पर इतना खुश त???


सुपरहीरोज़ के बारे मैं क्या ख्याल है>??
क्या वो कार्टून नहीं होते..?? ये देखो भाईसाहब उड़ने
 लिए तैयार हैं|

Tuesday, 13 June 2017

Sumona Chakravarti Lifestyle, Net Worth, Salary, House, Cars, Awards, Education,Biography And Family



"द कपिल शर्मा शो" की मशहूर आर्टिस्ट सुमोना चक्रवर्ती उर्फ़ सरला गुलाटी को तो आप सभी जानते ही होने|
अब जानने वाली बात है की सुमोना का लाइफ स्टाइल कैसा और और क्यों उन्होंने अदाकारा के रूप में अपनी पहचान बनायीं|




वैसे देखा जाये तो सुमोना कपिल शर्मा शो में डॉ गुलाटी और कपिल की मंगेतर के रोले में दिखाई दी है| जिसमें कपिल कभी उनको घास नहीं डालते हैं और उनकी बेइज्जती करने का भी कोई मौका नहीं छोड़ते हैं| वही सुमोना भी कहीं कपिल का पीछा नहीं छोडती मनो उसे कपिल नाम  की घुट्टी पिला दी गयी हो| इसे कहतें है इरादों का पक्का होना और खुद पर भरोसा होना| अब देखना ये है कि कब सरला को अपने इरादों में कामयावी मिलती है|

यहीं अगर देखा जाये कि सुमोना की लाइफ कपिल शर्मा शो के अलावा कैसी है, उनकी एजुकेशन क्या रही है और उनके आलिशान जिंदगी के पीछे  राज जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें|

नन्ही कली


कली! दीदी ये नाम हमने बहुत सोच के रखा है अपनी बेटी का |है न खुबसूरत? इसका मतलब होता है फूल की बेटी और जो फूल निकलने से पहले उसका रूप होता है वो होती है कली| बड़ी ही मासूमियत के साथ कली के सारे मायने समझा दिए छोटे से गाँव में रहने वाली झवारी ने| बताती है मेरे पास २ बेटियां है वैसे तो सब प्यार दिखाते हैं पर दिल वाला प्यार नहीं, और तो और जब से हमें दो बेटियां हुई है मेरे लिए भी लगाव ख़तम सा हो गया है, न पति प्यार करता है और न ही सास| कहते हैं दो लालियाँ पैदा कर दी है| ये सब हमरे हाथ की बात तो नहीं ना दीदी| ये तो सब ऊपर वाले की कृपा है| न ठंग से खाने देते हैं और न ही पहनने को कपडे देते हैं, ऐसा लगता है मनो दीदी घर में सब चाहते हैं कि मेरी कली कैसे भी भगवान को प्यार हो जाये| कभी-कभी तो हमें भी घर से बाहर निकालने की बात करते हैं| वैसे तो हम घर से निकले हुए ही हैं, हमारा आदमी दूसरी लेके आ रहा है| इतना कह कर झवरी की आखों की किनखियों से पानी के दो मोती ज़मीन पे आ गिरे|

आपको पता है मैं क्यों अपनी बेटियों को घर नहीं छोडती? मैंने बोला नहीं, तुम ही बताओ| बोलती है घर के लोग पीछे से पानी अटका के मार देंगे मेरी नन्ही सी जान को| देखो न कितनी मासूमियत से हसती है| आँखों में मातृत्व का भाव लेकर कर अपनी बेटी को तीन मिनट कर निहारती रही और उसकी गतिविधियों को देख कर खुश होती रही|



तुम करती क्या हो झावारी और अगर तुम्हे घर से निकल दिया तो कैसे रहोगी, कभी सोचा है?
आँखों को थोडा छोटा करके दो मिनट सोचने के बाद बोली दीदी सोचा तो कभी नहीं पर इतना पता है अपनी बेटियों को यहाँ नहीं छोड़ेंगे, उनको पढ़ाएंगे-लिखाएंगे, अच्छा जीवन देंगे और शादी वो जब करना चाहेंगी तब कराएँगे| वैसे हम खेत का सारा काम कर लेते हैं तो कहीं मजदूरी करेंगे| सुना है शहर में बड़े लोग के घर काम वाली की ज़रूरत होती है हम वहां जाकर काम कर लेंगे| 
तुम दूसरी शादी करने का नहीं सोचोगी? आँखें चड़ा कर बोली आदमी जात का क्या भरोसा दीदी, दूसरे ने भी छोड़ दिया तो एक और बेटी होने पर| 



एक बात बोलें दीदी !! मैंने बोला! कहो तब से तुम ही तो हमें यहाँ बिठा कर रुला रही हो| थोडा हंसी और अपना एक हाथ मेरे पैर पर रख कर बोली आप एक औरत के दर्द को महसूस करती हो इसलिए रो रही हो, नहीं तो कौन किसे बैठ कर इतनी देर सुनता है, और आप को कितने दिन हुए हमेशा मिलने आती हो मेरी कली से, इसको आपकी आदत हो जाएगी|  मैंने बोला अब मुझे शर्मिंदा न करो बताओ क्या बोलने वाली थी| फिर थोडा हंसी और बोली ये दुनियां ऐसी है दीदी अगर लोगों के हाथ में लड़का-लड़की पैदा करना होता तो सिर्फ लड़के ही पैदा करते| कभी-कभी लगता है समाज में हम औरतों को इतनी कम इज्ज़त क्यों है| पर खैर कभी तो ये सब बदलेगा| इतना कह कर उठ खड़ी हुई और बोली बहुत बातें हुई दीदी अब काम पर लगते हैं| दूर खेत के बीच जाकर दुपट्टा बिछाया उसपर कली को बिठाया, फिर तल्लीनता के साथ काम में लग गयी| कभी- कभी बीच में नन्ही कली रोती तो उसे कुछ दिखा कर बहला देती और फिर काम में लग जाती|

Thursday, 18 May 2017

चाइना के कुत्ते-बिल्ली के मांस खाए जाने वाले त्यौहार पर रोक|


कुत्ते को दुनिया का सबसे फ्रेंडली जानवर माना जाता है| परन्तु चाइना को अगर देखा जाये तो इस बात से ताल्लुक नहीं रखते| चाइना में एक कुत्ते- बिल्ली के मांस खाने का त्यौहार मनाया जाता है, जिसमें उनके मुताबिक माने तो १० लाख  हज़ार से ज्यादा लोग भाग लेते हैं|



ये तस्वीरे जितनी दिखने में परेशान करने वाली हैं उतनी ही इन जानवरों के लिए दर्दनाक भी हैं| ये त्यौहार बहुत ही बड़े स्तर पर मनाया जाता है| जिसमे चाइना के सभी भागों से लोग हिस्सा लेते हैं|



वैसे तो इस त्यौहार के अलावा भी चाइना में कुत्ते-बिल्लियों का मांस शौकिया तौर पर खाया जाता है| वहां छोटे-छोटे बाज़ारों में कुत्ते-बिल्ली का मांस मिलना आम बात है|



गर्मियों  में आमतौर पर इसकी मांग बढ़ जाती है क्योंकि गर्मियों में लोग लोग ज्यादातर इनका मांस खाना पसंद करते हैं| और मजे की बाते देखे तो ज्यादातर कुत्तों के गले में पट्टा होता है इसका मतलब लोग अपने पालतू जानवरों को इस त्यौहार में बेच देते हैं|


काफी समय से कई एनिमल राइट्स वाली संस्थाओं की नजर इस त्यौहार पर थी| humane society international के अनुसार युलिन सरकार ने त्यौहार के समय कुत्ते-बिल्लियों के मांस बेचने पर प्रतिबन्ध लगा दिया है| परन्तु यह प्रतिबन्ध हमेशा के लिए नहीं लगा है इसलिए एनिमल राइट्स संस्थाओं का संघर्ष अभी ख़तम नहीं हुआ| 

६२ दिन और १६ कैमरों का कमाल


सुना है  इस कला के पुजारी ने ६२ दिन इंतज़ार किया और अपने १६ कैमरों को लगा कर इस खुबसूरत तस्वीर को उतारा| चाँद और सूरज एक साथ वो भी दो खुबसूरत पेड़ों के बीच| ऐसा लग रहा है मनो दो शरीर और आत्माओं का मिलन हो रहा है और उनको उर्जा देने चाँद- सूरज आये हैं|

चित्र अपने आप में बोलते है और कभी कभी तो शब्दों कम पड़ते हैं परन्तु चित्र उन्हें अच्छे से समझाने में खरे उतर जाते हैं| कहावते गलत नहीं होती उनके पीछे यक़ीनन अनुभवों के सहारे होते हैं जैसे किसी ने कहा है- A picture is worth a thousand words.


परन्तु अभी तक मैंने इस कलाकार का नाम कही नहीं देखा- अगर पता चले तो ज़रूर बताये|


Wednesday, 17 May 2017

मुस्कुराता एक चेहरा- हिंदी फिल्मों की माँ रीमा लागू


रीमा लागू! नाम सुनते ही एक बड़ी सकारात्मकता के साथ एक मुस्कुराता चेहरा आँखों के सामने नाचने लगता है| जी हाँ! मराठी और हिंदी फिल्मों की जानी- मानी ५९ साल की ये अभिनेत्री ने जब से फ़िल्मी जगत में काम करना शुरू किया उसके बाद कभी पीछे मुड़ के नहीं देखा, आज हमारे बीच नहीं रही| रात ३ बज कर १५ मिनट पर रीमा जी  ने अंतिम साँसे ली| उनकी मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई|
माँ, प्रेमिका, विलेन, सास हर तरह के किरदारों को निभाते हुए इन्होने सबको आनंदित किया| राज श्री प्रोडक्शन के तहत उन्होंने सलमान खां की माँ के रूप में कई रोले निभाए| जैसे मैंने प्यार क्यों किया, हम आपके हैं कौन आदि|

इन सबके के अलावा तू-तू, मैं-मैं में जिस तल्लीनता के साथ कॉमिक रोल को निभाया वह हमेशा याद किया जायेगा और श्रीमान-श्रीमती जैसे किरदारों के लिए रीमा जी को सराहा जायेगा|
रीम जी का अंतिम संस्कार मुबई में किया जायेगा| रीम लागू जी के निधन की जानकारी राजस्थान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और फिल्ममेकर कुणाल कोहली ने दी|

बंधनों को खोलता प्रेम

प्रेम की मिसाल आज से नहीं युगों-युगों से चली आ रही है| कृष्ण ने राधा, राम ने सीता, हीर ने राँझा, रोमियो ने जूलिएट, और न जाने कितने जिन्होंने प्रेम को परिभषित किया| जब भी इनकी कहानियों को हम सुनते हैं तो भाव-विभोर हो जाते हैं| प्रेम की दाद देना शुरू करते हैं|
हर ग्रन्थ, किताब या कहूँ व्यक्ति ने प्रेम को अलग-अलग तरीके से महसूस किया और इसे दुनिया की सबसे खुबसूरत भावना के रूप में बताया| कहते हैं सबरी ने राम को अपने झूठे फ़ल खिला दिए थे, और तो और मीरा ने कृष्णा के प्रेम में पड़ कर विष के प्याले को अमृत समझकर पी लिया था| ऐसे न जाने कितने उदाहरण है जिन्हें सिर्फ उन व्यक्ति विशेष ने जिया है औए अंत में जान देकर प्रेम को अमर किया है| अंत में त्याग ही हमेशा विजयी रहा है उसका कारण शायद यही है कि न तो आज और न ही युगों पहले लोगों ने इस खुबसूरत एहसास को स्वीकारा| 

रूमी ने प्रेम को जिस तरह परिभाषित किया, वह इंसान मात्र की कल्पना से परे रहा है| वस्तु से, मित्र से, कलम से, लिखने से, प्रेमिका से, आदि| अरे! ये कैसा प्रेम है जिसमे कोई शर्त नहीं, सिर्फ लगन ही लगन और वो भी ऐसी लगन जो सीधे प्रभु से मिलाने की बात करती हो| जिसमे प्रेम मिलने या एक होने की नहीं बल्कि सिर्फ समर्पण और प्रसन्नता भाव को प्राथमिकता देता हो|


आज के दौर में देखा जाये तो समाज ही तय करता है कि प्रेम किससे करना है, क्यों करना है और कैसे करना है | ऐसा लगता है मनो जैसे लोग भूल गए हैं कि प्रेम जैसे खुबसूरत एहसास को बन्धनों में बांध कर पवित्र नहीं रखा जा सकता| ये एक बहाव है जितना बहेगा उतना ही अपना प्रभाव छोड़ेगा| 
प्रेम ही एक मात्र सत्य है जो सबको जीना सिखाता है- आनंदमय जीवन


बिना शर्तों का प्रेम


कहते हैं प्रेम की कोई भाषा नहीं होती और ना ही प्रेम उंच-नीच, जाति-धर्म , घर-परिवार, रंग-रूप देखता| प्रेम अन्धा होता है और यह अंधापन वाला प्यार उस खुली आँखों वाले प्रेम से कहीं बेहतर है जहाँ लोग प्रेम नहीं शतों पर प्यार करते हैं|

वेश्या शब्द अपने समाज में कलंक की तरह है परन्तु देखा जाये तो हर व्यापार करने वाला आदमी- औरत वेश्य और वेश्या ही तो हैं- मतलब की व्यापारी| चाहे फिर वो व्यापार किसी वस्तु, स्थान या देह का ही क्यों न हो| इस दिल और आँखों में पानी देने वाली इस कहानी को मैंने इन्टरनेट पर पढ़ा और उसे खोजा जिसने ये कृत्य सब तक पहुचाया| जीबीएम् आकाश नाम के किसी शख्स ने इस खुबसूरत इंसान को खोजा और उसकी इस प्रेम से भी परे, अथाह प्रेम की कहानी को हम तक पहुचाया|

यह कहानी भी एक वेश्या यानि व्यापारी की है,चाहे मज़बूरी में ही सही परन्तु वो अपनी बेटी को पालने के लिए अपने धंधे में साथ बहुत ही ईमानदारी से काम करती रही और एक दिन कुछ ऐसा हुआ जो इंसानियत जो वो करती थी उससे भी बड़ी मिसाल बन गया|


बांग्लादेश की रहने वाली रजिया पेशे से व्यापारी थी| एक सुबह की पहली बेला, घनघोर बारिश हो रही थी, रजिया पेड़ के नीचे खड़े हो कर सूरज निकलने का इंतज़ार कर रही थी| आँखों में आंसू, खुद के लिए गुस्सा और लाचारी से रजिया न जाने कितनी बार चिल्लाई और रोती रही | लगा इतनी सुबह कौन उसे सुनेगा और देखेगा| कम से कम बारिश के शोर में ही सही, अपने अन्दर के गर्द को निकल सकती है| रजिया जल्द ही अपनी बेटी के पास जाना चाहती थी| अब वो नहीं चाहती थी कि वो फिर किसी अजनवी को मिले और कुछ वक़्त उसके साथ गुजारे| उसकी बेटी, जो हर रात माँ से जाते वक़्त एक ही सवाल पूछती_ माँ आप रात में ही काम करने क्यों जाती हो| उसका जवाब रजिया के पास नहीं था परन्तु हर दिन जाते वक़्त उसकी बेटी उसे गले लगाती|

रोती रजिया को पता ही नहीं चला कि सामने दूसरी तरफ एक शख्स व्हीलचेयर पर बैठा उसे देख रहा है| उसको जब आभास हुआ जब दूसरी तरफ से जोर से खांसने की आवाज़ आई| वह शख्स उसका ध्यान पाना चाहता था|| रजिया ने बिना आंसू पोंछे बोला मेरे पास पैसे नहीं है जो मैं आपको दे सकूँ| उस शख्स ने मेरी हथेली पर ५० टाका रखे और बोला की बारिश तेज़ होने वाली है जल्दी ही घर चली जाओ और अपनी व्हीलचेयर को धक्का लगता हुआ वो शख्स मेरी आँखों से ओझल हो गया| मैं स्तब्ध थी, जैसे काटो तो खून नहीं| पहली बार मेरे पूरे जीवन में किसी ने बिना मेरा इस्तेमाल किये मुझे कुछ दिया | उस दिन मैं बहुत दिल खोल कर रोई|

उस दिन के बाद मैं उसी पेड़ के नीचे उस शख्स को तब तक खोजती रही जब तक मैंने उसे पा नहीं लिया| मुझे पता चला कि उसकी पत्नी उसे छोड़ कर चली गयी क्योंकि वह अपाहिज है| बड़े साहस के बाद मैंने उसे बोला कि मैं शायद आपको दोबारा प्यार न दे पाऊं, परन्तु जीवनभर आपकी व्हीलचेयर को लेकर चलने को तैयार हूँ|
वो मुस्कुराया और बोला- बिना प्यार के  कोई व्हीलचेयर को धक्का नहीं दे सकता है|

आज हमारी शादी को चार साल हो चुके हैं| शादी वाले दिन उसने मुझे वचन दिया की अब तुम्हे मैं कभी रोने नहीं दूंगा| कभी-कभी एक वक़्त का खाना नहीं मिलता परन्तु हम हर दुःख- सुख में साथ है| आज हमें एक तस्तरी खाना मिला पर हमने उसे एक साथ मिलकर खाया|

उस अनजान व्यक्ति के वादे ने मुझे फिर कभी किसी अनजान पेड़ के नीचे खड़े होकर आजतक नहीं रोने दिया| अब्बास मिया ने अपने वादे को बखूबी निभाया|


रजिया बेगम